Monday, September 7, 2015

Jindagi ek kiraye ka ghar hai - जिंदगी एक किराये का घर है

जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा-2

[मौत जब तुमको आवाज देगी-२
घर से बाहर निकलना पड़ेगा।]-२

जिंदगी एक किराये का घर है...

[रात के बाद होगा सवेरा,
देखना हो अगर दिन सुनहरा]-२

[पाँव फूलो पे रखने से पहले-२
तुझको कांटो पे चलना पड़ेगा]-२

जिंदगी एक किराये का घर है...

[ये तसउवर ये जोस और जवानी,
चंद लम्हों की है कहानी]-२
[ये जवानी अगर ढल गयी तो-२
उम्र भर हाथ मलना पड़ेगा]-२

जिंदगी एक किराये का घर है..

No comments:

Post a Comment