Thursday, September 26, 2013

Daya kya ye kam hai - दया क्या ये कम है ये घनस्याम प्यारे

दया क्या ये कम है ये घनस्याम प्यारे,
जो चरणों में तेरे ठिकाना मिला है।।


बड़े भाग्यशाली है ओ तेरे बन्दे-2
जिन्हें आपसे दिल लगाना मिला है-2
दया क्या ये कम है ये घनस्याम प्यारे-2
जो चरणों में तेरे ठिकाना मिला है-2
बड़े भाग्यशाली है ओ तेरे बन्दे-2
जिन्हें आपसे दिल लगाना मिला है-2

मुरारी में रहमत के सद के तुम्हारी-2
जो तेरे चरणों में ये सर झुकाना मिला है-2
ओ क्या बागे जन्न्त की परवाह करेंगे-2
जिन्हें आपसा आशियाना मिला है-2
इशारो से किस्मत बदल देने वाले-2
मुरादों से दामन को भर देने वाले-2
तू है मेरा दाता मै तेरा भिखारी-2
तू है मेरा ठाकुर मै तेरा पुजारी-2

(उंगलिया डूबी है अपनी ही लहू में,
ये कांच के टुकड़े उठाने की सजा है)


तू है मेरा दाता मै तेरा भिखारी-2
तू है मेरा ठाकुर मै तेरा पुजारी-2

बड़े भाग्यशाली है ओ तेरे बन्दे-2
जिन्हें आपसे दिल लगाना मिला है-2

                                                    (श्री विनोद अग्रवाल)

Tuesday, September 24, 2013

Har Sans Me Ho Sumiran Tera - हर साँस में हो सुमिरन तेरा

हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा। -4

तेरी पूजा करते बीते सांझ सवेरा-2
यूँ बीत जाये जीवन मेरा-2

नयनो की खिड़की से पल पल मै निहारु-2
मन में बिठा लूँ तेरी आरती उतारू-2
डाले रहूँ तेरे चरणों में डेरा, यूँ बीत जाये जीवन मेरा-2
हर साँस में हो सुमिरन तेरा, यूँ बीत जाये जीवन मेरा-2

जो भी तेरा प्यारा हो ओ मेरे दिल का प्यारा हो-2
मेरे सर का ताज मेरी आँखों का तारा हो-2
सब में निहारु रूप सुनहरा, यूँ बीत जाये जीवन मेरा-2
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा-2

प्यार हो सत्कार हो एतवार हो तुम्हारा-2
सुख भी हो सारे और याद हो इशारा-2

(इतना सुखी भी मत कर की तुझे ही भूल जाऊ,
इतना दुखी भी मत कर की सिकायत ही करते रहें)


हो आत्मा पर तेरा ही डेरा, यूँ बीत जाये जीवन मेरा-2
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा-2
तेरी पूजा करते बीते सांझ सवेरा-2
यूँ बीत जाये जीवन मेरा-2

हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा-4

(राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे-4
गोविन्द राधे गोपाल राधे-4
राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे-4)

                                          (श्री विनोद अग्रवाल)

Mera Aapki Kripa Se Sab Kaam - मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा है

मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा है-2
करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है-2
मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा है-2

पतवार के बिना ही, मेरी नाव चल रही है,
(औरो को जो भी मिला, अपने मुकददर से मिला है।मुझे तो मेरा मुकद्दर भी, तेरे दर से मिला है) इसलिए - 
पतवार के बिना ही, मेरी नाव चल रही है।
हैरान है जमाना, मंजिल भी मिल रही है।
करता नही मै कुछ भी, सब काम हो रहा है-2

करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है-2
मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा है-2

तुम साथ जो मेरे, किस चीज की कमी है,
(गम मेरे साथ बड़ी दूर तक गये,
जब पायी न मुझमे थकान तो वै खुद थक गये)

तुम साथ हो जो मेरे, किस चीज की कमी है
किसी और चीज की अब, दरकार भी नही है।
तेरे साथ से गुलाम अब, गुलफाम हो रहा है।
करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है-2

मै तो नही हूँ काबिल, तेरा पार कैसे पाउं।
टूटी हुयी वाणी से, गुणगान कैसे गाऊं।
करता नही मै कुछ भी, सब काम हो रहा है।
मेरा आपकी कृपा से...
                                              (श्री विनोद अग्रवाल)

Kaon Kutil Khal Kami - कौन कुटिल खल कामी (सूरदास जी)

कौन कुटिल खल कामी,
मो सम कौन कुटिल खल कामी।
जेहि तन दियो, तेहि बिसरावो, ऐसो नमक हरामी।
मो सम कौन कुटिल खल कामी।
                                                  (सूरदास जी)

Charan Kamal Bando Hari Rayi - चरण कमल बंदौ हरी राई

[चरण कमल बंदौ हरी राई,
चरण कमल बंदौ हरी राई।]-2

[जाकी कृपा पंगु गिरि लांघे,
अन्धे को सब कुछ दरसाई।]-2
[चरण कमल बंदौ हरी राई,
चरण कमल बंदौ हरी राई।]-2

[बहिरौ सुनै मूक पुनि बोलै,
रंक चलै सिर छत्र धराई।]-2
[चरण कमल बंदौ हरी राई,
चरण कमल बंदौ हरी राई।]-2

[सूरदास स्वामी करुनामय,
बार बार बन्दौतिः पायी।]-2
[चरण कमल बंदौ हरी राई,
चरण कमल बंदौ हरी राई]-2


                                           (सूरदास )

Friday, September 20, 2013

Ram Tum Bade Dyalu Ho - राम तुम बड़े दयालू हो

राम तुम बड़े दयालू हो,
नाथ तुम बड़े दयालू हो,
हरि जी तुम बड़े दयालू हो,

और ना कोई हमारा है, मुझे एक तेरा सहारा है,
नैया डोल रही मेरी, हरी जी अब करो न तुम देरी,
राम तुम बड़े दयालू हो...

तेरा यश गाया बेदो ने, पार नही पाया बेदो में।
नित नित गाया बेदो ने-2
राम तुम बड़े दयालू हो...

भले है बुरे है तेरे है, तेरी माया के घेरे है।
फिर भी हम बालक तेरे है-2
राम तुम बड़े दयालू हो....

(जनम जनम भूला फिरा, पाया राम न नाम, अबकी यदि सयोंग हो, सिमरु मै आठो याम)

तुम्हारा नाम मिले भगवन, सुबह और साम मिले भगवन।
भक्ति का दान मिले भगवन-2
राम तुम बड़े दयालू हो....

श्री राम जय राम जय जय राम ~
श्री राम जय राम जय जय राम ~
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Friday, September 6, 2013

Gaiye Ganpati Jagvandan - गाइये गणपति जगवंदन (विनय पत्रिका)

गाइये गणपति जगवंदन,
शंकर सुअन नन्दन । 
सिद्धि सदन गजवदन विनायक,
कृपासिंधु सुन्दर सबलायक ॥ 

मोदक प्रिय मुदमंगल दाता,
विद्द्यावारिधी बुद्धि विधाता । 
मागत तुलसिदास कर जोरे,
बसहि रामसिय मानस मोरे ॥ १॥ 
विनय पत्रिका (प्रथम पद)
(गोस्वामी तुलसीदास रचित )

गुरूवंदना - Guru Vandana

गुरूब्रम्हा,  गुरूविष्णु :, गुरूर्देवो  महेश्वरः । 
गुरूसाक्षात् परब्रम्ह, तस्मै श्री गुरुवे नमः ॥

प्रथम गुरूजी को वंदना, दूजे आदि गणेश।
तीजे भजूँ माँ शारदा, कंठ करो प्रवेश।।


गुरू मूरति मुख  चंद्रमा, सेवक नैन चकोर। 
आड़आठ प्रहर निरखत रहूँ, गुरु मुरति की ओर॥ 
नमो नमो गुरुदेव जी, पडूँ  चरण बहुबार। 
भवसागर से  तार के, कर दो वेड़ा पार॥ 

ध्यानमूलं गुरुमूर्ति पूजामूलं गुरुपदं,
मंत्रमूलं गुर्रुवाक्यं मोक्ष मूलं गुरूकृपा।  
मंत्र सत्यं पूजा सत्यं, सत्यं देव निरंजनं,
गुरू वाक्यं सदा हि सत्यं, सत्यं सोई परम्  पदम् ॥

अखंड मंडलाकारं ब्याप्तं येन  चराचरम। 
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः॥ 

भारद्वाज कुलाब्धि कोस्तुभमणिं श्री सिद्धदाता आश्रमे । 
सक्तं भागवतं सुपूजनविधो सिद्धिप्रदं शाश्वतम॥ 
गोविन्दाचार्य गुरोरवाप्त सकलं मंत्रार्थ रत्नं सुभम। 
श्रीमत  सोहनजं सुदर्शनगुरुं वन्दे कृपासागरम॥  

भारद्वाज कुलाब्धि दिव्यरत्नं श्री मत्सूदर्शनात्मजम। 
स्वाचार्यं कृपया च सिद्धिविमला प्राप्ताशुभाशवती ॥ 
लक्ष्मीनाथ नृसिंह पाद्युगले भक्त्यारतं प्रत्यहम । 
आचार्य पुरुषोत्तम गुरुवरं वन्दे दयासागरम ॥

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Thursday, September 5, 2013

दैनिक प्रार्थना

*** गायत्री मंत्र  ***

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं 
भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् 


***दैनिक प्रार्थना ***
तूने मुझे उत्पन्न किया, पालन कर रहा है तू
तुझसे ही पाते प्राण हम, दुखियो के कष्ट हरता तू
तेरा महान तेज है, छाया हुआ सभी स्थान
सृष्टी की बस्तु  -बस्तु  में, तू हो रहा है विद्यमान
तेरा ही धरते धयान हम, मांगते तेरी दया
ईश्वर हमारी बुद्धि को सही, श्रेष्ठ मार्ग पर चला
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं,
भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
सियावर राम चन्द्र की जय, पवनसुत हनुमान की जय
उमापति महादेव की जय, राधावर कृष्ण चन्द्र की जय 


***मंगलाचरण ***
जो सुमिरत सिद्ध होय, गणनायक करिवर बदन
करउ अनुग्रह सोई, बुद्धि राशि शुभ गुन सदन
मूक होय वाचाल, पंगु चढ़इ गिरिवर गहन
जासु कृपा सो दयाल, द्रवउ सकल कलिमल दहन
नील सरोरुह स्याम, तरुण अरुण बारिज नयन
करउ सो मम उर धाम, सदा क्षीर सागर सयन
कुंद इंदु सम देह, उमा रमा करुणा अयन
जाहि दीन पर नेह, करहु कृपा मर्दन मयन
बंदउ गुरु पद कंज, कृपा सिंधु नर रूप हरि
महामोह तं पुंज, जासु वचन रविकर निकर।
दोहा 
 सुनि  बिरंचि मन हरषि तन  पुलकि  नयन  बह नीर,
अस्तुति करत जोरि कर सावधान मति धीर,
सियावर राम चन्द्र की जय, पवनसुत हनुमान की जय,
उमापति महादेव की जय, राधावर कृष्ण चन्द्र की जय।


***प्रातः  स्तुति ***
जय जय सुरनायक सुख दायक प्रनतपाल भगवंता 
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिन्धुसुता प्रिय कंता।
पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम ना जानइ कोई।

जो सहज कृपाला दीनदयाला करहु अनुग्रह सोई,

जय जय अबिनासी सब घटवासी व्यापक परमानंदा।

अबिगत    चरित पुनीतं माया रहित मुकुंदा।
जेहि लागि विरागी अति अनुरागी बिगत मोह मुनिवृन्दा।
निसिबासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं जयति सच्चिदानंदा।
जेहि सृष्टी उपाई त्रिविध बनाई संग सहाय न दूजा।
सो करउ अघारी चित्त हमारी जानइ भगति न पूजा।
जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन गंजन बिपति बरूथा।
मन वच क्रम बानी छाणि सयानी सरल सकल सुरजूथा।
सारद श्रुतिसेषा रिषय असेषा जा कहु कोउ नहि जाना।
जेहि दीन पियारे वेद पुकारे द्रवउ सो श्री भगवाना।
भव वारिधि मंदर सब बिधि सुन्दर गुन मंदिर सुख पुंजा।
मुनि सिद्धि सकल सुर परम भयातुर नमत नाथ पद कुंजा।
दोहा
जानि सभय सुर भूमि सुनि वचन समेत सनेह।
गगन गिरा गंभीर भई हरन सोक संदेह।।



***नित्य कीर्तन ***
श्री राम जय राम जय जय राम, जय जय विघ्न हरण हनुमान।
मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सो  दसरथ अजिर बिहारी।।
राजा राम जानकी रानी, आनंद अवध अवधि राजधानी।

जय रघुनन्दन जनक किशोरी, सीता राम मनोहर जोड़ी।

गावहि सुन्दर मंगल गीता, लै लै नाम राम और सीता।

राम कथा ससि किरण समाना, संत चकोर करहि जेहि पाना।
यह वर माँगहू कृपा निकेता, बसहुं ह्रदय श्री अनुज समेता।
कोमल चित अति दीन दयाला, कारण बिनु रघुनाथ कृपाला।
दीनदयाल बिरिदु सम भारी, हरहुं नाथ मम संकट भारी।
बिन सत्संग विवेक ना होई, राम कृपा बिनु सुलभ न सोइ।
राम कथा के तेहि अधिकारी, जिनको सत्संगत अति प्यारी।
राम ही राम रटो मन नर नारी, राम भजन में है सब सुख भारी।
मंगल भवन अमंगल हारी, उमा सहित जेहि जपत पुरारी।
उमा कहउं मै अनुभव अपना, सत हरि भजन जगत सब सपना।
अब मोहि भा भरोस हनुमंता, बिनु हरि कृपा मिलै नहि संता।
जेहि बिधि होय नाथ हित मोरा, करहु सुबेग दास मै तोरा। 
श्री राम जय राम जय जय राम, जय जय कष्ट हरण हनुमान,
जय मधुसूदन जय घनस्याम, श्री राम जय राम जय जय राम।


***