Saturday, May 24, 2014

Chandan hai is desh Mati - चन्दन है इस देश की माटी

चन्दन है इस देश की माटी, तपो भूमि हर ग्राम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है।।
(1)
हर शरीर मंदिर सा पावन,
हर मानव उपकारी है।
जहाँ सिंह बन गये खिलौने,
गाय जहाँ माँ प्यारी है।
जहाँ सबेरा शंख बजाता, लीरी गाती शाम है।।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है।।
चन्दन है इस देश .......
 (2)
जहाँ कर्म से भाग्य बदलते,
श्रम-निष्ठा कल्याणी है,
त्याग और तप की गाथाएँ,
गाती कवि की वाणी है।
ज्ञान यहाँ का गंगाजल सा, निर्मल है अभिराम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है।।
चन्दन है इस देश......
(3)
इनके सैनिक समरभूमि में,
गाया करते हैं गीता।
जहां खेत में हल के नीचे,
खेला करती है सीता।
जीवन का आदर्श यहाँ पर, परमेश्वर का धाम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है।।

चन्दन है इस देश की माटी, तपो भूमि हर ग्राम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है।।

Sansaar ke mali ne - संसार के माली ने

संसार के माली ने, संसार रचाया है।
संसार रचाकर के, कण कण में समाया है।
(1)
फूलो में बहारों में, पतझड़ में सितारों में,
तेरा रूप झलकता है, संगीत तरानों में।
भवरों की गुंजन में, ऐसा गीत सुनाया है।।
संसार रचाकर के, कण कण में समाया है।
(2)
कही निर्मल धारा है, कहीं सागर प्यारा है।
महताब में ठंडक है, कहीं दूर किनारा है।
घनस्याम घटावो में, ऐसा जल बरसाया है।
संसार रचाकर के, कण कण में समाया है।
(3)
कोई चार के कंधो पर, संसार से जाता है,
कोई ढोल बजाकर के, बारात सजाता है,
ये मेल है सृष्टी का, कोई पार न पाया है,
संसार रचाकर के, कण कण में समाया है।

संसार के माली ने, संसार रचाया है।
संसार रचाकर के, कण कण में समाया है।

Saturday, May 10, 2014

Baso mere nainan mein - बसों मेरे नैनन में नंदलाल

बसों मेरे नैनन में नंदलाल-2

मोहिनि मूरत, साँवली सूरत, नैना बने विशाल।
बसों मेरे नैनन में नंदलाल-2

अधर सुधारस मुरली राजत, उर बैजंती माल।
बसों मेरे नैनन में नंदलाल-2

छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नुपुर शब्द रसाल।
बसों मेरे नैनन में नंदलाल-2

मीरा प्रभु संतन सुखदायी, भगत बछल गोपाल।
बसों मेरे नैनन में नंदलाल-2

बसों मेरे नैनन में नंदलाल-2

-मीराबाई

Friday, May 2, 2014

Apni dhun main rahata huin - अपनी धुन में रहता हूँ, राधे राधे कहता हूँ।

 अपनी धुन में रहता हूँ, राधे राधे कहता हूँ-2
राधे राधे, राधे राधे,राधे राधे राधे श्री राधे-4
(1)
जब से तेरा नाम लिया मेरा, जीवन जैसे बदल गया-2
मारा मारा फिरता था मुझे, एक ठिकाना मिल गया-2
मस्ती में अब रहता हूँ, राधे राधे कहता हूँ-2
अपनी धुन में रहता हूँ, राधे राधे कहता हूँ-2
राधे राधे, राधे राधे,राधे राधे राधे श्री राधे-4

(2)
तेरी किरपा से श्री राधे, सन्तन का मुझे संग मिला
ठोकर खाने वाला था गुरु, तूने आ के थाम लिया
संत शरण में रहता हूँ, राधे राधे कहता हूँ
अपनी धुन में रहता हूँ, राधे राधे कहता हूँ-2
राधे राधे, राधे राधे,राधे राधे राधे श्री राधे-4

(3)
ना जाने दुनिया भर के सब, कारज कैसे होते है
जो नहि लेते नाम तेरा वो, जाने कैसे जीते है
प्रिया शरण में रहता हूँ, राधे राधे कहता हूँ।
अपनी धुन में रहता हूँ, राधे राधे कहता हूँ-2
राधे राधे, राधे राधे,राधे राधे राधे श्री राधे-4

(4)
कहे गोविन्द दास मै तेरी, आस लगाये बैठा हूँ-2
ना जाने अब कौन गली में, एक झलक मोहे मिल जाये
बस्ती बस्ती फिरता हूँ, राधे राधे कहता हूँ
अपनी धुन में रहता हूँ, राधे राधे कहता हूँ-2
राधे राधे, राधे राधे,राधे राधे राधे श्री राधे-4

-श्री गोविन्द भार्गव जी