Thursday, January 22, 2015

Maine bandh liya prem vala - मैंने बाँध लिया, प्रेम वाला कँगना

मैंने बाँध लिया, हो मैंने बाँध लिया,
मैंने बाँध लिया, प्रेम वाला कँगना,
आओ आओ हरि आओ मोरे अँगना।

(१)
मेरा मन पापी, पाप करना हि छोड़ दे।
दुनिया से नाता तोड़, तेरे संग जोड़ दे।
यही मांग मेरी, यही मांग मेरी
यही मांग मेरी, और कोई मँगना।
आओ आओ हरि आओ मोरे अँगना।।

मैंने बाँध लिया, प्रेम वाला कँगना,
आओ आओ हरि आओ मोरे अँगना।

(२)
मेरा मन प्रभु ये, पावन तू कर दे।
मेरा तेरा नाता जुड़े,  ऐसा मुझे वर दे।
तेरे रंग ऊपर, हो तेरे रंग ऊपर।
तेरे रंग ऊपर, तेरे रंग ऊपर,
तेरे रंग ऊपर, चढ़े कोई रंग ना।
आओ आओ हरि आओ मोरे अँगना।।

मैंने बाँध लिया, प्रेम वाला कँगना,
आओ आओ हरि आओ मोरे अँगना।

(३)
ये मेरे श्याम प्रभु, तेरा गुण गाउँ।
तेरा गुण गाँउ मै तो तुझको रिझाऊँ
तेरे शिवा,  तेरे शिवा,
तेरे शिवा, मेरे और कोई सँगना।
आओ आओ हरि आओ मोरे अँगना।।

मैंने बाँध लिया, प्रेम वाला कँगना,
आओ आओ हरि आओ मोरे अँगना।

Monday, January 19, 2015

Daras Bin Dukhan Lage Nain - दरस बिन दूखण लागे नैन

दरस बिन दूखण लागे नैन।
जबसे तुम बिछुड़े प्रभु मोरे, कबहुं न पायो चैन।
सबद सुणत मेरी छतियां, कांपै मीठे लागै बैन।
बिरह व्यथा कांसू कहूं सजनी, बह गई करवत ऐन।
कल न परत पल हरि मग जोवत, भई छमासी रैन।
मीरा के प्रभु कब रे मिलोगे, दुख मेटण सुख देन।

-मीराबाई 

Mero To Girdhar Gopal - मेरे तो गिरधर गोपाल (मीराबाई)

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई॥
जाके सिर है मोरपखा मेरो पति सोई।
तात मात भ्रात बंधु आपनो न कोई॥
छांड़ि दई कुलकी कानि कहा करिहै कोई॥
संतन ढिग बैठि बैठि लोकलाज खोई॥
चुनरीके किये टूक ओढ़ लीन्हीं लोई।
मोती मूंगे उतार बनमाला पोई॥
अंसुवन जल सींचि-सींचि प्रेम-बेलि बोई।
अब तो बेल फैल गई आणंद फल होई॥
दूध की मथनियां बड़े प्रेम से बिलोई।
माखन जब काढ़ि लियो छाछ पिये कोई॥
भगति देखि राजी हुई जगत देखि रोई।
दासी मीरा लाल गिरधर तारो अब मोही॥

- मीराबाई 

Tum Hamare The Guru Ji - तुम हमारे थे गुरुजी

तुम हमारे थे गुरुजी, तुम हमारे हो।
तुम हमारे ही रहोगे, ओ मेरे प्रीतम।।

हम तुम्हारे थे गुरुजी, हम तुम्हारे है।
हम तुम्हारे ही रहेंगे, ओ मेरे प्रीतम।।

(1)
तुम्हे छोड़ सुन गुरुवर प्यारे, कोई ना मीत हमारो-2
किसके द्वारे जाय पुकारुँ, और न कोई सहारो।।
अब तो आके बाँह पकड़ लो, ओ मेरे प्रीतम।।

तुम हमारे थे गुरुजी, तुम हमारे हो।
तुम हमारे ही रहोगे, ओ मेरे प्रीतम।।

(2)
तेरे कारण सब जग छोड़ा, [(प्यारे) तुम संग नाता जोड़ा]-2
एक बार गुरु हँस के कह दो, [(प्यारे) तू मेरा मै मेरा]-2
साँची प्रीत की रीत निभालो, ओ मेरे प्रीतम।

तुम हमारे थे गुरुजी, तुम हमारे हो।
तुम हमारे ही रहोगे, ओ मेरे प्रीतम।।

(3)
दास की विनती सुन लीजो, ओ गुरुदेव हमारे-2
आखिरी आस यही जीवन की, पूरन करना प्यारे।
एक बार हृदय से लगालो, ओ मेरे प्रीतम।

तुम हमारे थे गुरुजी, तुम हमारे हो।
तुम हमारे ही रहोगे, ओ मेरे प्रीतम।।

- दासानुदास जी

Durga Hai Meri Maa - दुर्गा है मेरी माँ

जयकारा....
शेरोवाली का....
बोल सांचे दरबार की जय।
(१)
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ-2
बोलो जय माता की...जय हो...2
जो भी दर पे आये....जय हो...
ओ खाली ना जाये....जय हो...
सब के काम है करती...जय हो...
सब के दुखड़े हरती...जय हो...
[ओ मैया शेरोवाली...जय हो...
भर दे झोली खाली...जय हो...]-2
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ-2

(२)
पूरे करे अरमान जो सारे-2
देती है वरदान जो सारे-2
(अम्बे ज्योताविलये....)
देती है वरदान जो सारे...
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ-2

(३)
सारे जग को खेल खिलाये-2
बिछड़ो को जो खूब मिलाये-2
(दुर्गे मेहरोवलिये)
बिछड़ो को जो खूब मिलाये....
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ-2

(शेरोवालिये... मेहरोवलिये  ... पहाडावालिये)

Raghupati Raghav Raja Ram - रघुपति राघव राजाराम

रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम।।
सुंदर विग्रह मेघश्याम, गंगा तुलसी शालग्राम।।
भद्रगिरीश्वर सीताराम, भगत-जनप्रिय सीताराम।।
जानकीरमणा सीताराम, जयजय राघव सीताराम।।

- श्री लक्ष्मणाचार्य रचित
"श्रीनमा रामायानम् " स


(रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम
सीताराम सीताराम,
भज प्यारे तू सीताराम
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम,
सब को सन्मति दे भगवान)
-(modified)गांधी जी द्वारा प्रचलित