Saturday, December 14, 2013

Whan Fir Chandani Ko Kaoun Puchhega - वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा


वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा,

जहां तुम हो वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा,
वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा,
तेरा दर हो तो जन्नत की गली को कौन पूछेगा।



(लेकिन एक प्रार्थना है प्यारे)

फरिस्तो को ना बतलाना-2
कही ये राहें गुजर अपनी,



(फरिस्तो को यानी देवताओं को,
और जो साधन संपन्न जीव है, चाहे ओ ज्ञानमार्गी हो या कर्मयोगी है,
प्यारे ये नाम का रास्ता, ये समर्पण की राह, हर किसीको मत बतला देना।
वरना जो साधन संपन्न है देखेंगे की बिना कुछ किये ही इश्वर की अनंत कृपा बरस रही है। 
बहुत मुमकिन है कि ओ अपना मार्ग छोड़ के इस मार्ग पर आ जायें, 
और इस मार्ग पर इतनी भीड़ हो जाये की हमारे जैसे तो आये गये हो जाय।

तेरी रहमत ने दिया जो गुनाहगारो का साथ है,
तो बेगुनाह भी चिल्ला उठे कि हम भी गुनाहगारो में है।

कि प्रयास क्यों करें,
प्रयत्न क्यों करें।
वे भी सब आ जायेंगे
कृपा के मार्ग पर,
तेरे नाम के मार्ग पर,
समर्पण के मार्ग पर।

इसलिये प्यारे... )



फरिस्तो को ना बतलाना,
कही ये राहें गुजर अपनी,



(अगर बता दिया तो)



गुनाहगारो को इस दर पे,
भला फिर कौन पूछेगा-2
जहां तुम हो वहाँ फिर चाँदनी को कौन पूछेगा,
तेरा दर हो तो जन्नत की गली को कौन पूछेगा।



फरिस्तो को न बतलाना-2
कहीं ये राहे गुजर अपनी,



गुनाहगारो को इस दर पे,
भला फिर कौन पूछेगा-2



केशवाय, माधवाय, हे कृष्ण मधुसूदनाय-4


हे कृष्ण मधुसूदनाय-6


केशवाय, माधवाय, हे कृष्ण मधुसूदनाय-2
हे कृष्ण मधुसूदनाय-6

केशवाय, माधवाय, हे कृष्ण मधुसूदनाय-2



हे गोविन्द........~
गोविन्द..........~
गोविन्द..........~
हे गोपाल.......~
हे गोपाल.........।।

Shree Krishna Govind Hare Murari - श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी

कृष्णा.............~
कृष्णा.............~
हरे कृष्णा........~
हरे... हरे...।

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वाशुदेव-2
पितु मात स्वामी सखा हमारे-2
हे नाथ नारायण वाशुदेव-2

बंदीगृह के तुम अवतारी,
कहिं जन्मे कहीं पले मुरारी।
किसी के साये किसी के सहाये,
है अद्भुत हर बात तिहारी-2
गोकुल में चमके मथुरा के तारे-2
हे नाथ नारायण वाशुदेव।
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वाशुदेव।

अधर पे वंशी हृदय में राधे,
बट गये दोनों में आधे आधे।
हे राधा नागर, हे भक्त वत्सल
सदैव भक्तो के काम साधे-2
वहीं गये, वही गये
वहीं गये जहाँ गये पुकारे,
हे नाथ नारायण वाशुदेव।

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वाशुदेव।

राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा-१२ 

कृष्णा.............~
कृष्णा.............~
हरे कृष्णा........~
हरे... हरे...।


-(श्री  रवीन्द्र जैन )